इस तरह मिलेगी आपको ख़ुशी | Lesson for Life in Hindi
नमस्कार दोस्तों आप सभी का स्वागत है आज मैं आपको एक कहानी बताने वाला हूं कहानी के माध्यम से मैं आपको बताना चाहता हूं कि
किस तरह से हमें हमारा जीवन जीना चाहिए? बात आपको कहानी के माध्यम से ही समझ में आएगी।
मैं यहां पर एक्सप्लेनेशन आपको नहीं देना चाहूंगा। अगर आपको फिर भी नहीं समझ आए तो आप कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हो
तो शुरू करते हैं।
एक बार एक अध्यापक! बच्चों को एक एक्सपेरिमेंट सिखाने के लिए एक कांच का जार लेकर के आए और बच्चों से पूछा कि बच्चों बताओ? कांच के जार में हम क्या-क्या भर सकते हैं।
कई बच्चों ने जवाब दिया, दूध भर सकते हैं।
कई ने जवाब दिया, आप पानी भर सकते हैं। कई ने जवाब दिया कि रेत भर सकते हैं।
थोड़ी हंसी ठिठोली करने के बाद मास्टर जी ने एक थैला निकाला और उस थैले में से कुछ बड़े-बड़े पत्थरों को उस जार में डाला और अब बच्चों से पूछा कि बच्चों बताओ।
अब मैं इस जार में क्या डाल सकता हूं। बच्चों ने कहा कि गुरु जी जार तो भर चुका है। अब आप कुछ भी नहीं डाल सकते।
मास्टर जी ने दूसरा थैला निकाला और पत्थरों को जार के अंदर डालते गए और को थोड़ा सा खिलाया। वह पत्थर के छोटे-छोटे टुकड़े जार में पूरी तरह से समाहित हो चुके थे।
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अब मास्टरजी ने एक बार फिर से बच्चों से पूछा कि बच्चों बताओ, अब इस जार में क्या भर सकता है तो बच्चों ने कहा कि यह जार पूरी तरह से भर चुका है। अब इसमें कुछ भी नहीं bhar सकते।
मास्टर जी ने तीसरा थैला निकाला और रेत भरने लगे। रेत उसमें पूरी तरह से आ हो चुकी थी।
मास्टरजी ने पुनः पूछा, बच्चों बताओ क्या यह जार पूरी तरह से भर चुका है? बच्चे बोले कि हां जार पूरी तरह से भर चुका है।
मास्टर जी ने कहा कि नहीं अभी हम isme पानी भी डाल सकते हैं। बच्चे कुछ समझ नहीं पा रहे थे कि गुरु जी क्या सिखाने का प्रयास कर रहे हैं।
उनको कुछ भी समझ में नहीं आया। मास्टर जी ने कहा यह प्रयोग आपकी जिंदगी पर लागू होता है।
हम इतना? तनावपूर्ण जीवन जीते हैं, इतनी टेंशन लेते हैं। हमारे जीवन में ये चीजें पहले ही समाहित हो जाएगी तो फिर बड़ी और मुख्य चीजों के लिए उसमें जगह नहीं बचेगी जैसे कि आपके परिवार के लिए आपके अपनों के लिए,आप जब इतना टेंशन में रहोगे
क्योंकि दिमाग तो पूरी तरह भर चुका है। छोटी छोटी चीजों से पहले आपको सबसे पहले अपने दिमाग में या अपने जीवन में उन पर ध्यान देना चाहिए।
लेकिन आप सबसे पहले बड़े पत्थरों को ही डालें। उसके बाद छोटे पत्थरों को डालें। अगर इस तरह से आप अपनी जिंदगी में जो apply करोगे तो जिंदगी में आप खुशी महसूस करोगे और जीवन को खुलकर के जी पाओगे और आप एक अच्छा जीवन जी पाओगे।
आशा करता हूं कि आप सभी ने भी इस कहानी से कुछ न कुछ सीखा होगा। अगर आपके पास कोई विचार या सुझाव हो तो कमेंट के माध्यम से हमें जरूर बताएं और अगर आपके पास ऐसी कोई कहानी है तो हमें ईमेल जरूर करें।
हम उसे यहां पर पब्लिश करेंगे।
धन्यवाद!
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